Haryana Kisan : हरियाणा सरकार ने 2025 में Kisano को मुआवजा देने का फैसला किया है। जिन किसानों की फसल खराब हुई है, उन्हें सरकार आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए नई लिस्ट जारी की गई है, जिसमें पात्र किसानों के नाम शामिल हैं। अगर आपने भी मुआवजे के लिए आवेदन किया था, तो List में अपना नाम जरूर चेक करें। किसे मिलेगा फायदा और कैसे करें क्लेम? नीचे जानें पूरी डिटेल।
Haryana Kisan, Upcoming Update : Haryana: Haryana sarkar ने Kisano की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए Jind जिले में एक नया Online क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से Kisan 20 फरवरी को हुई असामान्य बारिश/ओलावृष्टि से अपनी Faslo को हुए Nuksan का ब्यौरा दर्ज कर सकेंगे। यह पहल Kisano को तत्काल सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाई गई है और पोर्टल 10 मार्च तक सक्रिय रहेगा, जिससे सभी प्रभावित Kisan समय रहते अपना Nuksan दर्ज करा सकें।
असामान्य बारिश और फसल Nuksan का प्रभाव – Haryana Kisan
20 फरवरी को जिला Jind में हुई बेमौसमी बारिश ने कई गांवों में Faslo को गंभीर Nuksan पहुंचाया। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, Jind के उपायुक्त द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि आसन, खरकरामजी, चाबरी, नेपेवाला, कोयल, बहादुरपुर, सण्डील और अन्य कई गांवों में हुई अत्यधिक बारिश के कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं। इन गांवों में फसल Nuksan के कारण Kisan आर्थिक दबाव में आ गए हैं, जिससे उनकी रोजमर्रा की जीवन यापन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
क्षतिपूर्ति पोर्टल का उद्देश्य और कार्यप्रणाली – Haryana News
Kisano द्वारा अपने Nuksan की जानकारी दर्ज कराने के लिए यह पोर्टल खोलने का अनुरोध किया गया था। सरकार ने उनकी समस्या को समझते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए यह Online सुविधा शुरू की है। इस पोर्टल के जरिए Kisan अपने-अपने फसल Nuksan का विवरण भर सकते हैं, जिससे मुआवजे की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल हो जाती है। पोर्टल का उद्देश्य बिचौलियों और झंझटों को समाप्त करते हुए सीधे Kisano तक सहायता पहुंचाना है। affected Kisan अब 10 मार्च तक इस पोर्टल पर अपना Nuksan दर्ज कर सकते हैं, जिससे उन्हें शीघ्र राहत मिल सके।
प्रभावित गांवों की विस्तृत जानकारी – – Haryana Kisan
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, Jind के कई गांवों में 20 फरवरी की बेमौसमी बारिश ने Faslo को भारी Nuksan पहुंचाया। आसन, खरकरामजी, चाबरी, नेपेवाला, कोयल, बहादुरपुर और सण्डील जैसे गांव इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में फसलें न केवल बारिश की तीव्रता के कारण बर्बाद हुईं, बल्कि Kisano को Nuksan का सही आंकलन करने में भी कठिनाई हुई। इसीलिए सरकार ने एक ऐसा Online पोर्टल शुरू किया है जिसमें Kisan स्वयं अपने Nuksan का विवरण दर्ज कर सकें।
Kisan की सुविधा के लिए पोर्टल की विशेषताएँ – Haryana News
सरकार ने Kisano की असल समस्या को समझते हुए इस पोर्टल में कई सुविधाएँ जोड़ी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि Kisan स्वयं अपने फसल Nuksan का ब्यौरा दर्ज कर सकते हैं। पहले के प्रशासनिक तरीकों में पटवारी एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा फसल की गिरदावरी करने की प्रक्रिया में अक्सर भेदभाव और गलत आंकलन के आरोप लगते रहे हैं। इसी समस्या से निजात पाने के लिए वर्तमान सरकार ने यह Online सुविधा शुरू की है। इससे न केवल Kisan अपने Nuksan का विवरण सही ढंग से दर्ज कर सकेंगे, बल्कि उन्हें मुआवजे की प्रक्रिया में भी Clearty मिलेगी।
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सीधे मुआवजे का लाभ – Haryana Kisan
इस पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि सीधे Kisano के सत्यापित बैंक खातों में जमा कर दी जाती है। इसे “मेरी फसल-मेरा ब्योरा” पोर्टल कहा गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि Kisan को पूरा मुआवजा राशि बिना किसी बिचौलिए के सीधे प्राप्त हो जाए। बिचौलियों के माध्यम से धनराशि हस्तांतरित होने से अक्सर पूरा पैसा Kisano तक नहीं पहुँच पाता था, जिससे उन्हें वित्तीय Nuksan उठाना पड़ता था। सरकार के इस कदम से न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है, बल्कि Kisano का विश्वास भी मजबूत हुआ है।- Haryana Kisan
पूर्व की सरकारों के दौरान फसल Nuksan का आंकलन करने में कई बार पटवारी एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा पक्षपात की शिकायतें आई थीं। इन कारणों से Kisano को उनके वास्तविक Nuksan का पूरा मुआवजा नहीं मिल पाता था। वर्तमान सरकार ने इन पिछली कमियों को ध्यान में रखते हुए इस पोर्टल के जरिए एक समान और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। अब Kisan स्वयं अपने Nuksan का विवरण दर्ज कर, बिना किसी मध्यस्थ के अपने मुआवजे की राशि सीधे अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकेंगे। इससे Kisano को वित्तीय सहायता मिलते समय किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी।