ITR Forms : income tax डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2025–26 के लिए सभी 7 income tax रिटर्न (ITR) forms अधिसूचित कर दिए हैं। छोटे और मध्यम tax पेयर्स के लिए ITR–1 (सहज) और ITR–4 (सुगम) को 29 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था, जबकि ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थानों के लिए ITR–7 को 11 मई को जारी किया गया। आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) फॉर्म में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह बदलाव मुख्यतः लिस्टेड इक्विटी शेयरों और म्यूचुअल फंड से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर आधारित है। इस बदलाव के तहत वेतनभोगी और अनुमानित करदाताओं के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
क्या है ITR-1 और ITR-4?
- ITR-1 (सहज):
यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है। इसमें वेतन, एक मकान, ब्याज और अधिकतम ₹5,000 की कृषि आय शामिल होती है। ITR Forms - ITR-4 (सुगम):
यह फॉर्म व्यवसाय या पेशे से जुड़े व्यक्तियों, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) और अन्य के लिए है (एलएलपी को छोड़कर), जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है। ITR Forms - ITR-2:
जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं होती है, वे ITR-2 का उपयोग करते हैं। पहले, लिस्टेड इक्विटी शेयरों से होने वाले LTCG के लिए इन्हें ITR-2 भरना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
बड़ा बदलाव: 1.25 लाख रुपये तक का LTCG ITR-1 और ITR-4 में शामिल
पहले, लिस्टेड शेयरों या म्यूचुअल फंड से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) की जानकारी देने के लिए ITR-2 भरना अनिवार्य था। अब इस नियम में बदलाव किया गया है।
- यदि किसी करदाता का एक वित्त वर्ष में LTCG 1.25 लाख रुपये तक है, तो अब वे ITR-1 या ITR-4 फॉर्म भर सकते हैं।
- यह बदलाव उन वेतनभोगी और अनुमानित करदाताओं के लिए है जिनकी आय 50 लाख रुपये से कम है।
- इस कदम से करदाताओं को ITR-2 की जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी।
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1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर छूट जारी
आयकर कानून के मुताबिक, लिस्टेड शेयरों और म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाले 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर कोई कर नहीं लगता। ITR Forms
- यदि LTCG की राशि 1.25 लाख रुपये से अधिक होती है, तो अतिरिक्त राशि पर 12.5% टैक्स लगता है।
- यह प्रावधान निवेशकों को प्रोत्साहित करने और छोटे निवेशकों को राहत देने के लिए किया गया है।
फॉर्म्स में बदलाव: कटौती और TDS की नई जानकारी अनिवार्य
ITR-1 और ITR-4 में अब कटौती के दावे और TDS की जानकारी को लेकर नए प्रावधान किए गए हैं।
- 80C, 80GG और अन्य सेक्शन्स के तहत कटौती के तरीकों में बदलाव हुआ है।
- अब करदाताओं को खंडवार रूप में TDS की जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।
यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि टैक्स ऑडिट के समय किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो और डेटा अधिक पारदर्शी बने।
ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई
आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया ITR फॉर्म अधिसूचना के बाद शुरू होगी।
- वित्त वर्ष 2024-25 की आय के लिए ITR फॉर्म भरे जाएंगे। ITR Forms
- बिना ऑडिट वाले करदाताओं के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी गई है।
- जिन करदाताओं का व्यवसाय या पेशा ऑडिट के दायरे में आता है, उनके लिए अलग तिथि निर्धारित की जाएगी।
ITR फॉर्म्स की अधिसूचना में देरी का कारण
आम तौर पर ITR फॉर्म्स फरवरी या मार्च में अधिसूचित हो जाते हैं, लेकिन इस बार इसमें देरी हुई।
- देरी का कारण राजस्व विभाग का नया इनकम टैक्स बिल तैयार करना था।
- यह बिल फरवरी 2025 में संसद में पेश किया गया। ITR Forms
- बिल में डिजिटल टैक्सेशन, क्रिप्टोकरेंसी टैक्सेशन, और कैपिटल गेन के नए नियम शामिल हैं।
ITR-1 और ITR-4 कौन भर सकता है?
फॉर्म का नाम | कौन भर सकता है | आय की सीमा |
---|---|---|
ITR-1 (सहज) | वेतनभोगी, एक मकान, ब्याज, अधिकतम ₹5,000 की कृषि आय | ₹50 लाख तक |
ITR-4 (सुगम) | व्यवसायी, HUF, पेशेवर, LLP को छोड़कर | ₹50 लाख तक |
ITR-2 | व्यवसाय से न होने वाली आय | आय की कोई सीमा नहीं |
नए बदलाव का लाभ किसे मिलेगा?
- छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशकों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। ITR Forms
- जो निवेशक शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में सीमित निवेश करते हैं, उन्हें अब ITR-2 की जटिलता से छुटकारा मिलेगा।
- फॉर्म भरने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा।
निष्कर्ष
ITR-1 और ITR-4 में हुए इस बड़े बदलाव से छोटे निवेशकों को राहत मिलेगी। अब लिस्टेड इक्विटी शेयरों और म्यूचुअल फंड से 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर ITR-2 की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम सरकार के ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की ओर एक सकारात्मक संकेत है। ITR Forms